मास्टर कार्ड कक्षा – १२
पाठ – १ विषय प्रवेश व् केन्द्रीय समस्याए
1. संसाधनों की बचत क्या होती है?
दुर्लभ संसाधनों का पूर्णतय प्रयोग के द्वारा संसाधनों की बचत की जा सकती है.
2 .व्यष्टि अर्थशास्त्र क्या है?
यह व्यक्तिगत आर्थिक इकाई के व्वहार का अध्यन करता है जैसे – कीमत का निर्धारण, व्यक्तिगत ओर फर्म की आय,
3. आर्थिक समस्या क्यों उत्पन्न होती है?
प्राथमिक स्तर पर संसाधनों की कमी के कारण आर्थिक समस्या उत्पन्न होती है,
4. अर्थव्वस्था की परिभाषा दें.
अर्थव्वस्था एक प्रणाली है जो लोगों को जीविका प्रदान करती है.
5. एक अर्थव्वस्था की कौन सी केन्द्रीय समस्याएं हैं? / बटवारे की समस्या की व्याख्या करें.
क. क्या उत्पादन करें?
ख. कैसे उत्पादन करें?
ग. किस के लिए उत्पादन करें.
6. उत्पादन सम्भावना वक्र को परिभाषित करें.
उत्पादन सम्भावना वक्र , वह वक्र है जो दो वस्तुओं के उन सभी संभव संयोजनों को प्रकट करता है जिन का उत्पादन एक अर्थव्वस्था उपलब्ध तकनीक ओर दिए हुए संसाधनों के पूर्ण प्रयोग से कर सकती है.
7. सीमांत अवसर लागत क्या होती है?
सीमांत अवसर लागत एक वस्तू का उत्पादन बढाने के कारण दूसरी वास्तु के त्याग की दर है.
अथवा
सीमांत अवसर लागत ‘क’ वस्तु के उत्पादन की मात्रा में होने वाली हनी है जो ‘ख’ वस्तु की एक अधिक इकाई का उत्पादन करने के फलस्वरूपहोती है. जब संसाधनों को ‘क’ से ‘ख’ की ओर विवत्रित किया जाता है.
8. दुर्लभता की समस्या क्या होती है?
मांग की अपेक्षा संसाधनों का सीमित होना, दुर्लभता की समस्या होती है.
9. आर्थिक समस्या से आप का क्या अभिप्राय है?
आर्थिक समस्या मूल रूप से चयन की समस्या है .
10. उत्पादन सम्भावना वक्र नतोदर क्यों होती है?
सीमान्त अवसर लागत के कारण उत्पादन सम्भावना वक्र नतोदर होती है?
11. व्यष्टि और समष्टि अर्थशाश्त्र में अंतर स्पष्ट करें.
व्यष्टि अर्थशास्त्र | समष्टि अर्थशास्त्र |
1. यह व्यक्तिगत आर्थिक इकाई के व्वहार का अध्यन करता है 2. यह संसाधनों के बटवारे से संबधित है 3. इसे कीमत निर्धारण सिधांत भी कहते है. | 1. यह समस्त अर्थव्वस्था का अध्यन करती है, 2. यह संसाधनों की वृद्धि व् विकास से सम्बंधित है. 3. इसे आय का सिद्धांत भी कहते हैं . |
12. उत्पादन सम्भावना वक्र का दाएँ और बाएँ ओर कब खिसकेगा?
संसाधनो के अल्प प्रयोग से उत्पादन सम्भावना वक्र बाएँ ओर खिसकेगा ओर संसाधनो के पूर्ण प्रयोग से उत्पादन सम्भावना वक्र दाएँ ओर खिसकेगा .
13. वास्तविक अर्थशास्त्र, आदर्शात्मक अर्थशास्त्र से किस प्रकार भिन्न हैं?
वास्तविक अर्थशास्त्र | आदर्शात्मक अर्थशास्त्र |
१.जब हम किसी समस्या और उन से सम्बंधित मुद्दों का अध्ययन करते हैं जिनकी सत्यता की जाँच की जा सकती है, जैसे निर्धनता और बेरोज़गारी की मात्रा, वास्तविक अर्थशास्त्र है. २. वास्तविक कथनों से ज्ञात होता है कि क्या था ? क्या है ? और क्या होगा? इन सभी कथनों की सत्यता की जाँच की जा सकती है, ३. वास्तविक कथन तथ्यों के बारे में किसी प्रकार का सुझाव नहीं देते. | १.जब हम किसी समस्या को हल करने का सुझाव देते हैं, जिनकी सत्यता की जाँच नही की जा सकती है, (जैसे निर्धनता की समस्या को हल करने के लिए नौकरी में आरक्षण का सुझाव ) आदर्शात्मक अर्थशास्त्र है. २. आदर्शात्मक कथन से ज्ञात होता है कि क्या होना चाहिए? इन का उदेश्य आदर्शों और लक्ष्यों को निर्धारित करना है, ३.आदर्शात्मक कथन समस्या को सुलझाने में कई प्रकार के सुझाव देते हैं.यह कथन किसी निति के सम्बन्ध में सलाह देते हैं कई यह ठीक है यां गलत . |
14. बाज़ार अर्थव्वस्था किस प्रकार केंद्रीय योजनाबद्ध अर्थव्वस्था से भीं हैं.
बाज़ार अर्थव्वस्था | योजनाबद्ध अर्थव्वस्था |
1 यह एक स्वतंत्र अर्थव्वस्था है जहां केन्द्रीय समस्याओं का समाधान बाज़ार में पूर्ति ओर मांग की शक्तिओं द्वारा होता है
2. सम्पति के निजी स्वामित्व पर कोई सीमा नहीं होती .
3 उत्पादन क्रिया का उदेश्य लाभ को अधिकतम करना होता है.
| 1.यह वह अर्थव्वस्था है जिस पर सरकार का नियंत्रण होता है. पूर्ति ओर मांग की शक्तिओं का नियमन अथवा नियन्त्रण होता है
2. सम्पति का निजी स्वामित्व सरकार की देखभाल में होता है. 3.उत्पादन क्रिया का उदेश्य समाजिक कल्याण को अधिकतम करना होता हा. |
15. उत्पादन सम्भावना वक्र बनाएँ और उस में निम्न लिखित दर्शाएँ: -
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